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पारिस्थितिकी (Ecology) किसे कहते हैं?
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पारिस्थितिकी सजीव और उसके पर्यावरण के मध्य अन्तर्सम्बन्धों तथा पृथ्वी पर पादपों और जंतुओं के वितरण पध्दति का अध्ययन है। पारिस्थिकी (Ecology) : इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सन 1869 ईस्वी में जर्मन जीव वैज्ञानिक "अर्नेस्ट हैकल (Ernest Haeckel)" ने किया और पारिस्थितिकी को जीव एवं उसके जैविक व अजैविक पर्यावरण से सम्बन्ध के रूप में परिभाषित किया। पारिस्थितिकी को व्यपक रूप से जीव और उसके पर्यावरण के मध्य अन्तर्सम्बन्धों के विज्ञान विशेष कर अंतर्जातीय (Interspecific) और अंतरा-जातीय (Intraspecific) सम्बन्धों के लिये परिभाषित किया जाता है। आधुनिक परिस्थितिकीविदों के अनुसार पारिस्थितिकी ऐसा बहुविषयी विज्ञान है जो जीव और उसके निवास स्थान तथा पारितन्त्र पर ध्यान देता है। पारिस्थितिकी का इतिहास (History of Ecology) पारिस्थितिकी शब्द का उपयोग सर्वप्रथम "एच. रिटर (H. Rieter)" नामक जीव वैज्ञानिक ने किया। यह दो शब्दों ""ओइकोस (Oikos)"" जिसका मतलब है ""निवास स्थान या घर"" और ""लोगास (Logos)"" का अर्थ है अध्ययन करना,से ...
Main passes of India (भारत के मुख्य दर्रे)
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दर्रे (Passes) पर्वतों में पाए जाने वाले रास्तों को दर्रे कहते हैं। 1. अघिल दर्रा (Aghil Pass): काराकोरम में अवस्थित अघिल दर्रा लद्दाख को चीन के सिक्यिंग राज्य से जोड़ता है। 2. बाल्चाधुरा (Balcha Dhura): यह दर्रा उत्तराखण्ड के कुमाऊँ को तिब्बत से जोड़ता है।कैलाश मानसरोवर एवं कैलाश पर्वत को जाने वाला रास्ता इसी दर्रे से होकर गुजरता है। 3. बनिहाल दर्रा या जवाहर सुरंग ( Banihal pass Or Jawahar Tunnel): यह डोडा जिले के बनिहाल नगर को कश्मीर घाटी के काजीगुंड से जोड़ता है। इसी को जवाहर सुरंग के नाम से जाना जाता है। 4. बारालाचा दर्रा (Baralacha Pass): यह दर्रा हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ता है। 5. बोमडिला दर्रा (Bomdila Pass): यह असम के तेजपुर नगर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग नगर से जोड़ता है। 6. बुम - ला दर्रा (Bum - La Pass): यह अरुणाचल प्रदेश को ल्हासा (तिब्बत) से जोड़ता है। 7. छांग -ला दर्रा (Chhang - La Pass): यह लद्दाख को तिब्बत से जोड़ता है। 8. दिफु - दर्रा (Diphu - Pass): यह अरुणाचल प्रदेश को म्यांमार (Myanmar) से जोड़ता है। 9. गोरनघाट दर्रा (Goran Ghat Pass): यह राजस्थान में है।यह...
सूर्य (Sun)
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व्यास - 1,392,000 किलोमीटर ( 864,948 मील ) मास ( Mass ) : 1990 मिलियन, मिलियन, मिलियन , मिलियन टन वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य की उत्पत्ति ,आकाशगंगा की भुजा में पाए जाने वाले धुल के बादल में गुरुत्वाकर्षण बल के पतन के कारण हुआ।सूर्य के आंतरिक भाग का तापमान जब लगभग 1,000,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचा तब नाभकीय संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया आरम्भ हुई जिसमें हाइड्रोजन , हीलियम में परिवर्तित हुआ,जिससे सूर्य में ऊष्मा एवं प्रकाश उत्सर्जित होती है।