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वन्य जीव संरक्षण अधिनियम,1972 (The Wildlife Protection Act,1972) क्या है?

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  वन्य जीव संरक्षण अधिनियम ,1972 एक वैधानिक अधिनियम है,जिसका उद्देश्य पशु ,पक्षियों और वनस्पतियों का संरक्षण करना है। इस अधिनियम की स्थापना पौधे और पशुओं की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिये लाया गया था।इसके द्वारा वनों की कटाई और वन्य जीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है। अधिनियम की मुख्य विशेषताएं (Salient Features of the Act) * यह पूरे भारत में लागू किया गया है। * इसमें छः अनुसूचियाँ हैं,जो सुरक्षा के लिहाज से बदलती रहती है.... अनुसूची -1 (Schedule -1) और अनुसूची -2 ( Schedule -2) वन्यजीवों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है जिसके तहत अपराधों के लिये उच्चतम दण्ड का प्रावधान है। * अनुसूची - 3 (Schedule - 3) और अनुसूची -4 (Schedule - 4)  सूचीबद्ध प्रजातियों के संरक्षण से जुड़ी है लेकिन इसके तहत अपराधों के लिये दण्ड बहुत कम है। * अनुसूची - 5 (Schedule - 5) के अंतर्गत वे जानवर आते हैं जिनका शिकार होता है। * अनुसूची -6 (Schedule -6) में वर्णित पौधों की कृषि एवं वाणिज्यीकरण पर प्रतिबंध है।शिकार के लिये अधिकारियों के पास यह अधिकार है कि वे अपराधों को निर्धारित कर सजा दे सकते है...

चिपको आंदोलन,1973 (Chipko Movement,1973)

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यह आंदोलन उत्तराखण्ड के चमोली जिले में 1973 ई. में शुरू किया गया था। आंदोलन के प्रणेताओं में सुंदरलाल बहुगुणा,गौरा देवी एवं चंडी प्रसाद भट्ट प्रमुख थे। यह आंदोलन वनोन्मूलन के विरोध में शुरू किया गया था।वनोन्मूलन का तात्पर्य है वनों की कटाई। आंदोलन की शुरुआत गढ़वाल क्षेत्र में हुई थी लेकिन कालांतर में यह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में फैल गया चिपको आंदोलन के अंतर्गत वनों की कटाई का विरोध शांतिपूर्ण आंदोलन द्वारा किया गया था। इस आंदोलन में लोग जब पेड़ काटने वाले को पेड़ काटते देखकर पेड़ से चिपक जाते थे,जिससे पेड़ को काटना मुश्किल हो जाता था इसलिए इस आंदोलन को चिपको आंदोलन कहा जाता है। इस आंदोलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी थी कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी थी।आंदोलन के प्रमुख प्रणेताओं में से एक सुंदरलाल बहुगुणा ने आंदोलन के प्रसार हेतु हिमालयी क्षेत्र में 5000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा की थी। आंदोलन की शुरुआत ग्रामीण स्तर पर गौरा देवी द्वारा हुई थी। गोविन्द सिंह रावत,धूम सिंह नेगी,सुदेशा देवी,बचनी देवी आदि ने भी आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया । सुंदरलाल बहुगुण...

बायोम (Biom) क्या है

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  Biom स्थल या समुद्र के वे वृहद् क्षेत्र हैं,जिनके सभी भागों में मौसम,भूगोल एवं वनस्पति एवं जीवों की समानता हो। भूतल पर वनस्पति व जीवों का वितरण प्रतिरूपों पर जलवायु का सर्वाधिक प्रभाव होता है,जिस कारण बायोम के प्रकारों का निर्धारण सामान्यतया जलवायु के अनुसार होता है। विश्व के बड़े बायोम * टुंड्रा (Tundra) * उत्तरी शंकुधारी वृक्ष वन टैगा (Northern Conifer Forest,Taiga) * उष्णकटिबंधीय वर्षा वन (Tropical Rain Forest) * उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन (Tropical Deciduous Forest) * समशीतोष्ण पर्णपाती और वर्षावन (Tempreture Deciduous and Rain Forest) * पर्वत (Mountains) * उष्णकटिबंधीय घास के मैदान और सवाना (Tropical Grassland & Savannah) * शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान (Tempreture Grassland) * मरुस्थल (Desert) * झाड़ी वन या चैपरल (Chaparral) * उष्णकटिबंधीय झाड़ियाँ (Tropical Scrub Forest)