बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अंतर (Difference Between Biome And Ecosystem)




बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताएं मिलती-जुलती  (Overlapping) हैं।इसका तात्पर्य है कि ये दोनों एक जैसी दिखती है।
ये दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ भ्रमित करता हुआ दिखाई देता है,परन्तु फिर भी बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच बुनियादी अन्तर है।


पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)



किसी क्षेत्र के अपने अजैव पर्यावरण के साथ वहाँ के जीवों का पारस्परिक व्यवहार,क्रियाएँ (Ineraction) इत्यादि वहाँ का पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) कहलाता है।
पारिस्थितिकी तंत्र कुछ वर्ग मीटर के छोटे क्षेत्र से लेकर बड़े क्षेत्र में भी हो सकते हैं

बायोम (Biome)

बायोम एक विशाल भौगोलिक क्षेत्र है,इसकी विशेषता इसकी जलवायु है।किसी बायोम में रहने वाले पौधे और पशु प्रजातियों के पास अनुकूलन की विशेषता (Adaptive Features) होती है जो उनकी,वहाँ के जलवायु परिस्थितियों का सामना करने में सहायता करती है।
एक बायोम में कई पारिस्थितिकी तंत्र होते हैं।

इससे स्पष्ट होता है कि कई सारी पारिस्थितिकी तंत्र को मिलाकर एक बायोम का निर्माण होता है।


बायोम स्थानों को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Biome Location)

जलवायु,स्थलाकृति एवं मृदा वे महत्वपूर्ण कारक हैं,जिनका स्थलीय एवं जलीय पर्यावरण पर सामान प्रभाव जीवोम या बायोम का सीमांकन करता है।

किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली जलवायु ही वहाँ की वनस्पतियों (Flora) और जीवों (Fauna) की प्रमुख निर्धारक है।जलवायु परिवर्तन के कारण ही पौधे और जानवर भौतिक वातावरण में जीवित रहने के लिये अनुकूलन करते हैं।बायोम की विशेषता वहाँ पायी जाने वाली वनस्पति एवं जीवों से होती है,जो विश्व के विविध जलवायु के अनुरूप होती है।




उदहारण के लिये , उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों में वृक्ष ऊँचे एवं बहुत घने होते हैं,जबकि गर्म और शुष्क रेगिस्तान में कम घनी झाड़ियाँ और कैक्टस पाये जाते हैं।
उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में वर्षा अधिक मात्रा में होने के कारण पेड़ों का सघन विकास में सहायक होती है जिससे पेड़ बहुत ऊँचे और घने होते हैं,जबकि गर्म रेगिस्तान में कम वर्षा होने के कारण या सिमित वर्षा होने के कारण सिमित भूजल संसाधन की प्रतिस्पर्धा से बचने के लिये झाड़ी या पेड़ एक-दूसरे से विस्तृत दूरी पर बढ़ते हैं।

नोट : जलवायु अक्षांश (भूमध्य रेखा से दूरी), समुद्र स्तर से ऊंचाई ,समुद्र से दूरी,संचलित पवनों और समुद्री धाराओं द्वारा प्रभावित होती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गंगा की सफाई (Ganga Cleaning)

नमामि गंगे परियोजना