जीवों में पर्यावरणीय अनुकूलन (Environmental Adaptation In Living Organism)

 पौधों तथा जंतुओं के वे विशिष्ट अभिलक्षण,जिनकी सहायता से वे किसी विशेष पारिस्थितिकी में अपनी उत्तरजीविता बनाए रखने में सफल होते हैं,अनुकूलन (Adaptation) कहलाता है।


सजीवों में अनेक प्रकार के अनुकूलन (Adaptation) पाए जाते हैं, जैसे-- प्रकाश संश्लेषी वर्णकों (Photosynthesis's Pigments),मकड़ियों के जाले (Web Of Spider),पेड़ों की जड़े,चमगादड़ (Bat),मछलियों तथा घोड़े के जटिल प्रचलन अंग (Complex Locomotor Device) से विकासात्मक परिवर्तनों (Evolutionary Changes) की प्रक्रिया की जानकारी मिलती है।

सभी सजीव एक ऐसे पर्यावरण में निवास करते हैं जिस पर उनके पृथक पारिस्थितिकी के भौतिक तथा जैविक प्रभाव शामिल होते हैं।ये जीव उन जैविक (Biotic) तथा अजैविक (Abiotic) गुणों से अन्योन्य क्रिया करने के लिये अत्यधिक जटिल तरीके से अनुकूलित होते हैं।



अनुकूलन के प्रकार (Type Of Adaptation)

अनुकूलन सामान्यतः तीन (3)  प्रकार का होता है :

1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation)

2. उपार्जित अनुकूलन (Acquired Adaptation)

3. पारिस्थितिकी अनुकूलन (Ecological Adaptation)


1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation) :

इस प्रकार का अनुकूलन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशानुगत रूप से संचरण करता है।इसे क्रम विकास (Evolution) द्वारा पूर्व पीढ़ियों से उपार्जित किया गया था।बाद की पीढ़ियों में ये लक्षण वंशगति से आए।

2. उपार्जित अनुकूलन (Acquired Adaptation)

इस प्रकार के अनुकूलन को किसी विशिष्ट जीव-जन्तु द्वारा विशेष प्रकार की पर्यावरणीय परिस्थितियों उपार्जित किया गया है,जैसे -- सूर्य के प्रकाश के कारण त्वचा का रंगों में बदलाव।प्रतिरक्षी (Antibodies) का निर्माण रक्त के विषाक्त पदार्थों से रक्षा के लिये होता है।घरेलू छिपकली अपने दुश्मन से बचाव के लिये आने पूंछ गिरा देती है।
कभी-कभी एक ही जीव की प्रजाति में अलग-अलग अनुकूलन पाए जाते हैं जिन्हें वे पर्यावरणीय परिवर्तनों के दौरान उपार्जित करते हैं, जैसे -- कुछ मछलियाँ शाकाहारी होती हैं तथा कुछ मछलियाँ मांसाहारी होती हैं।


3. पारिस्थितिकी अनुकूलन (Ecological Adaptation)

इस प्रकार का अनुकूलन पौधों तथा जीवों के द्वारा विकसित आवास पर निर्भर करता है
विभिन्न प्रकार के आवासों,   जैसे--- मीठे जल,समुद्र,गहरे सागर (Pelagic Sea) के कारण अलग-अलग अनुकूलनो का विकास हुआ।इसके द्वारा विभिन्न जीवो में अलग-अलग प्रकार के अनुकूलन दिखाई देते हैं, जैसे--- मरुभूमि अनुकूलन (Desert Adaptation),वनीय अनुकूलन (Forest Adaptation) इत्यादि।

अनुकूलन को निम्नांकित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है : 

1. अकारिकी अनुकूलन (Morphological Adaptation)
2. शारीरिक/दैहिक अनुकूलन (Physiological Adaptation)
3. सुरक्षात्मक या व्यवहारिक अनुकूलन (Protective Or Behavioral Adaptation)



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