जीवों में पर्यावरणीय अनुकूलन (Environmental Adaptation In Living Organism)
पौधों तथा जंतुओं के वे विशिष्ट अभिलक्षण,जिनकी सहायता से वे किसी विशेष पारिस्थितिकी में अपनी उत्तरजीविता बनाए रखने में सफल होते हैं,अनुकूलन (Adaptation) कहलाता है। सजीवों में अनेक प्रकार के अनुकूलन (Adaptation) पाए जाते हैं, जैसे-- प्रकाश संश्लेषी वर्णकों (Photosynthesis's Pigments),मकड़ियों के जाले (Web Of Spider),पेड़ों की जड़े,चमगादड़ (Bat),मछलियों तथा घोड़े के जटिल प्रचलन अंग (Complex Locomotor Device) से विकासात्मक परिवर्तनों (Evolutionary Changes) की प्रक्रिया की जानकारी मिलती है। सभी सजीव एक ऐसे पर्यावरण में निवास करते हैं जिस पर उनके पृथक पारिस्थितिकी के भौतिक तथा जैविक प्रभाव शामिल होते हैं।ये जीव उन जैविक (Biotic) तथा अजैविक (Abiotic) गुणों से अन्योन्य क्रिया करने के लिये अत्यधिक जटिल तरीके से अनुकूलित होते हैं। अनुकूलन के प्रकार (Type Of Adaptation) अनुकूलन सामान्यतः तीन (3) प्रकार का होता है : 1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation) 2. उपार्जित अनुकूलन (Acquired Adaptation) 3. पारिस्थितिकी अनुकूलन (Ecological Adaptation) 1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation) : ...

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