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फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गंगा की सफाई (Ganga Cleaning)

गंगा बेसिन     1 लाख  वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रों में फैला हुआ है,जिसमे भारत (कुल बेसिन क्षेत्र का 80%) और बांग्लादेश के कुछ हिस्से शामिल है।मुख्य चैनल की लंबाई     2525 किलोमीटर है।गंगा नदी भारत एवं बांग्लादेश में तटीय डेल्टा भी बनाती है।इस बेसिन से भारत की एक-चौथाई भूमि ढकी हुई है,हालाँकि नदी का वार्षिक प्रवाह स्थानीय शासन रूपांतरों के अधीन है लेकिन इसका प्रभावी पैटर्न जनवरी से मई तक के मौसम में शुष्क प्रवाह वाला होता है।गंगा नदी में जुलाई और अगस्त में शिखर प्रवाह होता है। गंगा का जल दुनिया भर में उच्चतम तलछट (Sediments) भार ढोता है जो अमेजन नदी की तुलना में         0.4    अरब टन से वार्षिक     1.6          अरब टन कुल भार ढोता है। नदी का महत्व (Importance Of The River) गंगा बेसिन प्रति वर्ग किलोमीटर 550 से अधिक व्यक्तियों के औसत घनत्व के साथ   450 मिलियन लोगों के लिये घर प्रदान करने वाली सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है।डेल्टा क्षेत्र में यह घनत्व बढ़ क...

नमामि गंगे परियोजना

नमामि गंगे परियोजना का उद्देश्य गंगा संरक्षण के लिये चल रही योजनाओं,इसकी धारा को अविरल एवं निर्मल बनाए रखने के प्रयासों एवं उद्देश्यों को मजबूत करना है। अगले पाँच साल में भारत सरकार परियोजना पर         "20 हजार करोड़"        खर्च करेगी। इस परियोजना की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी। सरकार परियोजना के अंतर्गत गंगा की सफाई हेतु स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर भी जोर दे रही है जिस से बेहतर नतीजे हासिल किये जा सके।इसके अंतर्गत स्थानीय शहरी व ग्रामीण निकाय को भी सम्मिलित किया गया है। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूह के द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना को बेहतर तरीके से लागू करने हेतु त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है। (i) राष्ट्रिय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति (ii) राज्य स्तर पर मुख्य समिति की अध्यक्षता वाली समिति (iii) जिला अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर समिति इस परियोजना को पूरा करने हेतु सम्पूर्ण वित्त राज्य सरकार के द्वारा मुहैया कराया जाएगा।अधिक प्रदूषित स्थानों को साफ करने के लिये ...

भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Disaster)

02-03 दिसम्बर 1984 के मध्य रात,भोपाल शहर के लिये एक भयानक रात थी जहाँ लाखों लोगों की मौत हुई थी। यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) नामक एक कीटनाशक कारखाने की इकाई से निकले रसायन,     "मिथाइल आइसोसायनेट"    (M. I. C.) ने शहर को एक विशाल गैस चेम्बर में तब्दील कर दिया था।लोग सड़कों पर उलटी करते हुए भाग रहे थे और मर रहे थे। यह भारत की पहली (अब तक की एकमात्र) प्रमुख औद्योगिक दुर्घटना थी।सरकार अभी तक बाढ़, चक्रवात और भूकम्प जैसी घटनाओं से ही निपटती आई थी,इसलिये ऐसी स्थिति में क्या करना है इस विषय में किसी को कोई अंदाजा नही था।अमेरिका स्थित बहुराष्ट्रीय कम्पनी       "यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन"     (U C C) के स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी         "UCIL" जिसने यह संयंत्र स्थापित किया था, ने इससे अधिक मानवीय त्रासदी से निपटने में बहुत कम सहायता की थी।जिसका अभी तक कोई निष्कर्ष नही निकला है।इसका कारण यह नही है कि उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को क्या हुआ था बल्कि उस दुर्घटना को लेकर हमारी क्या प्रतिक्रिया थी?  भोपाल म...

जैविक खेती क्या है? (What Is Organic Farming?)

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भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा कृषि देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख साधन है।भोजन मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता और अन्न से ही जीवन है।रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का कृषि में उपयोग भूमि को मृत माध्यम मान कर किया गया है।अतः भूमि के स्वास्थ्य की रक्षा करके ऐसी खेती जिसमे भूमि को एक जीवित माध्यम माना जाए अपनाने की आवश्यकता है क्योंकि मृदा में असंख्य जीव रहते हैं जो एक-दूसरे के पूरक होते हैं तथा पौधे के बढ़वार हेतु पोषक तत्व भी उपलब्ध करवाते हैं। जैविक खेती क्या है :  जैविक खेती एक ऐसी पध्दति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों,कीटनाशकों तथा खरपतवारनाशियों के स्थान पर जीवांश खाद,पोशक तत्वों (गोबर की खाद,कम्पोस्ट,हरी खाद,जीवाणु कल्चर,जैविक खाद इत्यादि) जैवनाशियों (बायो-पेस्टीसाइड) व बायो एजेंट,  जैसे--- क्राइसोपा इत्यादि का उपयोग किया जाता है,जिससे न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित नही होता है।इससे कृषि लागत घटने व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ने से कृषक को अधिक लाभ होता है। जैविक खेती के सिध्दान्त : (i)  मृदा प्रकृति की अनमोल धरोहर होती है (ii) प्रत्य...

जीवों में पर्यावरणीय अनुकूलन (Environmental Adaptation In Living Organism)

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 पौधों तथा जंतुओं के वे विशिष्ट अभिलक्षण,जिनकी सहायता से वे किसी विशेष पारिस्थितिकी में अपनी उत्तरजीविता बनाए रखने में सफल होते हैं,अनुकूलन (Adaptation) कहलाता है। सजीवों में अनेक प्रकार के अनुकूलन (Adaptation) पाए जाते हैं, जैसे-- प्रकाश संश्लेषी वर्णकों (Photosynthesis's Pigments),मकड़ियों के जाले (Web Of Spider),पेड़ों की जड़े,चमगादड़ (Bat),मछलियों तथा घोड़े के जटिल प्रचलन अंग (Complex Locomotor Device) से विकासात्मक परिवर्तनों (Evolutionary Changes) की प्रक्रिया की जानकारी मिलती है। सभी सजीव एक ऐसे पर्यावरण में निवास करते हैं जिस पर उनके पृथक पारिस्थितिकी के भौतिक तथा जैविक प्रभाव शामिल होते हैं।ये जीव उन जैविक (Biotic) तथा अजैविक (Abiotic) गुणों से अन्योन्य क्रिया करने के लिये अत्यधिक जटिल तरीके से अनुकूलित होते हैं। अनुकूलन के प्रकार (Type Of Adaptation) अनुकूलन सामान्यतः तीन (3)  प्रकार का होता है : 1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation) 2. उपार्जित अनुकूलन (Acquired Adaptation) 3. पारिस्थितिकी अनुकूलन (Ecological Adaptation) 1. वंशानुगत अनुकूलन (Inherited Adaptation) : ...

बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अंतर (Difference Between Biome And Ecosystem)

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बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताएं मिलती-जुलती  (Overlapping) हैं।इसका तात्पर्य है कि ये दोनों एक जैसी दिखती है। ये दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ भ्रमित करता हुआ दिखाई देता है,परन्तु फिर भी बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच बुनियादी अन्तर है। पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) किसी क्षेत्र के अपने अजैव पर्यावरण के साथ वहाँ के जीवों का पारस्परिक व्यवहार,क्रियाएँ (Ineraction) इत्यादि वहाँ का पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) कहलाता है। पारिस्थितिकी तंत्र कुछ वर्ग मीटर के छोटे क्षेत्र से लेकर बड़े क्षेत्र में भी हो सकते हैं बायोम (Biome) बायोम एक विशाल भौगोलिक क्षेत्र है,इसकी विशेषता इसकी जलवायु है।किसी बायोम में रहने वाले पौधे और पशु प्रजातियों के पास अनुकूलन की विशेषता (Adaptive Features) होती है जो उनकी,वहाँ के जलवायु परिस्थितियों का सामना करने में सहायता करती है। एक बायोम में कई पारिस्थितिकी तंत्र होते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि कई सारी पारिस्थितिकी तंत्र को मिलाकर एक बायोम का निर्माण होता है। बायोम स्थानों को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Biome Location) जलवायु,स्थलाकृ...

विश्व के प्रमुख बायोम (Major Biomes Of The World)

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आइये हम विश्व के प्रमुख बायोम का नाम देखते हैं। विश्व में 11 बायोम हैं,जो निम्न है : 1. टुंड्रा (Tundra) 2. उत्तरी शंकुधारी वृक्ष वन या टैगा (Northern Conifer Forest Or Taiga) 3. उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन (Tropical Rain Forest) 4. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन (Tropical Deciduous Forest) 5. समशीतोष्ण पर्णपाती और वर्षा वन (Tempreture Deciduous And Rain Forest) 6. पर्वत (Mountain) 7. उष्णकटिबंधीय घास के मैदान और सवाना (Tropical Grassland And Savannah) 8. शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान (Tempreture Grassland) 9. मरुस्थल (Desert) 10. झाड़ी वन या चैपरल (Chaparral) 11. उष्णकटिबंधीय झाड़ियाँ (Tropical Scrub Forest)